राहु-केतु: एलियन वायरस?

राहु-केतु: आपके जीवन के 'सिमुलेशन' में मौजूद वो 'एलियन वायरस' जो आपका पूरा OS हैक कर सकते हैं!

चेतावनी: अगर आप ज्योतिष को सिर्फ "शनिवार को तेल चढ़ाना" या "तोता देखकर भविष्य बताना" समझते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए नहीं है। यह उन लोगों के लिए है जो इस ब्रह्मांड के "सोर्स कोड" (Source Code) को समझना चाहते हैं।

क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आप किसी "वीडियो गेम" में हैं और अचानक कंट्रोलर काम करना बंद कर दे?

या आप अपनी पूरी ताकत लगाकर भाग रहे हैं, लेकिन मंजिल (Goal) रबड़ बैंड की तरह खींचकर और दूर होती जा रही है?

जैसे एक चींटी रबड़ बैंड पर चल रही हो, और रबड़ बैंड फैलता जा रहा हो...

अगर हाँ, तो स्वागत है राहु (Rahu) और केतु (Ketu) की दुनिया में।

राहु (Rahu) और केतु (Ketu)
राहु (Rahu) और केतु (Ketu)

वैदिक ज्योतिष में इन्हें "छाया ग्रह" (Shadow Planets) कहा जाता है। लेकिन आधुनिक भाषा में कहूँ तो ये आपके जीवन के कंप्यूटर सिमुलेशन में मौजूद "System Glitches" या "Cheat Codes" हैं।

आज मैं आपको इन दोनों "हैकर" ग्रहों की वो सच्चाई बताऊंगा जो न तो लाल किताब में मिलेगी और न ही किसी टीवी वाले बाबा के पास। आज हम "टाइम ट्रेवल", "एंटीमैटर" और "पास्ट लाइफ" के विज्ञान से राहु-केतु को डिकोड करेंगे।

What is the Rahu-Ketu Axis?
राहु और केतु कोई भौतिक पिंड (Physical Planets) नहीं हैं। ये अंतरिक्ष में वो गणितीय बिंदु (Mathematical Points) हैं जहाँ सूर्य और चंद्रमा के पथ आपस में कटते हैं। विज्ञान इसे 'नोड्स' (North & South Lunar Nodes) कहता है। राहु आपका 'भविष्य का जुनून' (Obsession) है - वो भूख जो कभी शांत नहीं होती। केतु आपका 'भूतकाल' (Past) है - वो हिस्सा जिससे आप अलग हो चुके हैं। ये दोनों मिलकर आपकी 'कार्मिक धुरी' (Karmic Axis) बनाते हैं।

राहु (Rahu)
राहु (Rahu)

1. राहु: "नशा" या "इच्छाओं का ब्लैकहोल"?

राहु को समझना है तो "कैंसर" (Cancer) को समझिये।

कैंसर क्या है? कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि। राहु वही "अनियंत्रित भूख" है।

यह वो धुआं है जो दिखता बहुत बड़ा है, पर मुट्ठी बंद करो तो हाथ में कुछ नहीं आता।

राहु "भविष्य" है। यह वो "एलियन टेक्नोलॉजी" है जो हमें सीमाओं को तोड़ने पर मजबूर करती है। इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वायरल वीडियो, और शेयर मार्केट का जुआ - यह सब राहु का ही खेल है।

राहु का मनोविज्ञान (The Psychology of Smoke)

राहु आपको वो चीज़ें दिखाता है जो वहां हैं ही नहीं।

यह आपको एक भ्रम (Illusion) में डालता है कि "अगर मुझे वो मिल गया, तो मेरी लाइफ सेट है।"

  • "बस एक बार लॉटरी लग जाए..."
  • "बस वो लड़की/लड़का हां बोल दे..."
  • "बस ये डील फाइनल हो जाए..."

लेकिन जैसे ही आप वहां पहुंचते हैं, राहु गोलपोस्ट चेंज कर देता है। आप फिर खाली के खाली।

मेरे एक परम मित्र हैं, (मुझ सहित उनके कई मित्रगण उन्हें 'स्वामीजी' का सम्बोधन देते हैं!) उनका कथन उद्धृत करना चाहूंगा:

राहु का दिया हुआ उत्थान भी पतन होता है!

स्वामीजी

अहा! कितना सत्य है परन्तु भौतिकतावाद में उलझे हुए इस संसार के प्राणियों को इस सत्य का आभास होने में न जाने कितने जन्म लग जाएँ!!


केतु (Ketu)
केतु (Ketu)

2. केतु: "एंटीमैटर" और "मोक्ष का सर्जिकल नाइफ"

अब आते हैं केतु पर।

अगर राहु "भविष्य" है, तो केतु आपका "भूतकाल" (Past) है।

विज्ञान की भाषा में कहूँ तो केतु "एंटीमैटर" (Antimatter) है।

यह "Time Reversed Matter" हो सकता है। यानी हमारा पीछे छूटता हुआ भूतकाल।

केतु के पास "सिर" नहीं है, सिर्फ "धड़" है। यानी इसके पास "दिमाग" (Logic) नहीं है, सिर्फ "दिल" (Intuition) है।

केतु का काम है - काटना या अलग करना (Detachment)

जिस भाव (House) में केतु बैठता है, उस भाव से जुड़ी चीजों में आपका मन नहीं लगता। अर्थात जिस भाव में केतु बैठा हुआ हो उस भाव के कारकत्वों में से कोई एक या कुछ या सभी आपकी दुखती नस अवश्य होगी! एक ऐसा दर्द जिसका कोई उपाय नहीं!

  • केतु 2nd हाउस में? पैसे और परिवार से विरक्ति या इनकी तरफ से बेपरवाह।
  • केतु 7th हाउस में? पार्टनर में कमियां निकालने वाला माइंडसेट या पार्टनर के साथ कुछ ज्यादा ही एडजस्टमेंट।

केतु एक "ब्लैकहोल" की तरह है। यह चीजों को सोख लेता है और आपको 'शून्य' कर देता है।

3. एक तकनीक: "द 18-ईयर लूप" (The Rare 18-Year Cycle)

अब मैं आपको वो तकनीक दे रहा हूँ जो इंटरनेट पर ढूंढने से भी नहीं मिलेगी। यह "नाड़ी ज्योतिष" और "भृगु नंदी नाड़ी" का निचोड़ है।

राहु और केतु एक राशि में लगभग 18 महीने (1.5 साल) रहते हैं।

पूरा राशि चक्र (Zodiac) घूमने में इन्हें 18 साल लगते हैं।

इसे कहते हैं - "Nodal Return"

आपकी उम्र का जादुई साल: 18, 36, 54, 72

जब भी आपकी उम्र 18, 36, 54 या 72 के आसपास होती है, राहु ठीक उसी जगह वापस आता है जहाँ वह आपके जन्म के समय था।

प्रेडिक्शन (Prediction):

ये साल आपके जीवन के "Reboot Years" होते हैं।

  • 18-19 की उम्र: आप पहली बार घर छोड़ते हैं, कॉलेज जाते हैं, या लव लाइफ में पहला धोखा खाते हैं। (Identity Crisis).
  • 36-37 की उम्र: यह सबसे महत्वपूर्ण है। यहाँ "मिड-लाइफ क्राइसिस" शुरू होता है। आप अपनी जॉब, शादी या लाइफ के मकसद पर सवाल उठाने लगते हैं। अक्सर लोग इसी उम्र में अपना करियर बदलते हैं या अध्यात्म की तरफ मुड़ते हैं।
  • 54-55 की उम्र: यहाँ स्वास्थ्य और वानप्रस्थ (Retirement planning) का ट्रिगर दबता है।

द "हाफ-साइकिल" (The Reverse Return): 27-28 की उम्र

जब आप 27-28 साल के होते हैं, तो राहु आपके जन्म के केतु के ऊपर आता है और केतु राहु के ऊपर।

इसे "Karmic Reversal" कहते हैं।

इस उम्र में (27-28) अक्सर लोगों की शादी होती है, या वो सेटल होते हैं। लेकिन यह वो समय है जब नियति (Destiny) आपसे पुराना हिसाब चुकता करती है। जो रिश्ते या करियर इस समय बनते हैं, वो पूरी तरह "कर्मिक" (Karmic) होते हैं - यानी पिछले जन्म का बकाया।

राहु (Rahu) और केतु (Ketu)
राहु (Rahu) और केतु (Ketu)

4. राहु-केतु का 'सिमुलेशन हैक': क्या हम कण्ट्रोल कर सकते हैं?

सवाल यह है कि अगर यह सब 'प्रोग्राम्ड' है, तो हम क्या करें?

क्या हम इस सिमुलेशन को हैक कर सकते हैं?

जवाब है - हाँ और ना।

ब्रह्मांड में "फ्री विल" (Free Will) और "डेस्टिनी" (Destiny) का अनुपात 30:70 का है।

राहु आपको भगाएगा। केतु आपको काटेगा। यह उनका काम है।

आपका काम है - "Observer" (द्रष्टा) बनना।

द 'इक्लिप्स' थ्योरी (The Eclipse Theory)

ग्रहण (Eclipse) तब लगता है जब सूर्य, चन्द्रमा और राहु/केतु एक लाइन में आते हैं।

आपके जीवन में भी ग्रहण तब लगता है जब आप राहु की भूख और केतु के वैराग्य के बीच संतुलन खो देते हैं।

अगर आप राहु के पीछे भागेंगे (मुझे और पैसा चाहिए, और पावर चाहिए), तो केतु आपके पैरों के नीचे से जमीन खींच लेगा (डिप्रेशन, अकेलापन)।

5. अचूक उपाय: "द सर्जिकल स्ट्राइक" (Remedies that actually work)

अब बात करते हैं समाधान की। कोई टोटका नहीं, शुद्ध विज्ञान।

(A) राहु का एंटीडोट: साफ़-सफाई और डिसिप्लिन

राहु "गंदगी" और "धुआं" है।

अगर आप राहु को शांत करना चाहते हैं:

  • टॉयलेट साफ़ रखें: राहु का वास घर के टॉयलेट और गंदी नालियों में होता है। अगर आपका टॉयलेट गंदा है, तो आपका राहु कभी अच्छा फल नहीं देगा।
  • सूर्यास्त के बाद खाना कम करें: राहु रात का राजा है। देर रात भारी खाना आपके शरीर में टॉक्सिन्स (Rahu energy) बढ़ाता है।

(B) केतु का एंटीडोट: कुत्तों की सेवा और डिटैचमेंट

केतु "कुत्ता" है (भैरव का वाहन)।

  • आवारा कुत्तों को दूध या बिस्किट खिलाना केतु का सबसे बड़ा उपाय है।
  • "Let Go" करना सीखें: केतु जिस चीज को पकड़ता है, उसे दर्द देता है। जिस दिन आप उस चीज (रिश्ता/पैसा) को मानसिक रूप से छोड़ देंगे ("प्रभु, यह आपका है"), केतु आपको वो चीज प्लेट में सजाकर दे देगा।
और अगर इनमे से कुछ भी आपको तार्किक या logically अजीब/विचित्र लग रहा है तो तो प्रतिदिन या साप्ताहिक रूप से श्री विष्णु सहस्रनाम पढ़िए
और यदि ये भी नहीं कर सकते,
बस श्रीकृष्ण का नाम लेते रहिये,
नारायण-नारायण कहते रहिये!

निष्कर्ष: सिमुलेशन का अंत

अंत में, राहु और केतु हमें सिर्फ एक बात सिखाने आते हैं।

राहु कहता है: "बाहर देखो, सब कुछ माया है।"

केतु कहता है: "अंदर देखो, वही सत्य है।"

जीवन की यह दौड़, जिसे हम "सक्सेस" कहते हैं, यह असल में राहु का ही छलावा है।

और जिस "शांति" को हम ढूंढ रहे हैं, वो केतु के "शून्य" में छिपी है।

ब्रह्मांड का आकार निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन हम अपनी इच्छाओं के छोटे से पिंजरे में कैद हैं।

इन दोनों को बैलेंस कर लिया, तो समझो आपने लाइफ का लेवल पार कर लिया।

वरना...

सिमुलेशन रीस्टार्ट होगा। पुनर्जन्म का लूप फिर चलेगा।

So basically...

Rahu is the Error 404. Ketu is the Factory Reset.

Learn to code your own destiny.

And As Always

Thanks For Reading!!!

~ PSMishra

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